रुजा हरण स्तोत्र
रुजा हरण स्तोत्र प्रारंभ ( श्रीदत्तप्रभू स्तुती)
छंद - मालीनी
जय जय श्रीदत्ता अव्यक्त व्यक्तरुपा ।
जय जय श्रीदत्ता पुर्ण बोध स्वरूपा ॥
जय जय अनसूया अंगजा पंकजाक्षा ।
जय जय अवधुता निर्गुणा सर्व साक्षा ॥१॥
जय जय सह्यांद्री वासकारी भवारी ।
जडजीव तम-माया-मोह दुःख हारी ॥
प्रतिदिनी करी स्वामी स्नान वाराणसीसी ।
सुरवर करिती पुजा गंध पुष्पादिकासी ॥२॥