प्रार्थना
प्रार्थना
आत्माराम अनन्त.....
आत्माराम अनन्त अच्युत हरे,
मानो विनती प्रभो स्वामी जी सब पाप ताप मन के दुष्कर्म मेरे हरो
मैं हूँ हीन मलीन लीन मद में संकट मेरे हरो
दीनानाथ दया करो भव हरो आओ न देरी करो
तेरी ही मंगलमूर्ति का हृदय में हो ध्यान मेरे सदा
तेरा ही भवनाशकारी मुख में हो नाम मेरे सदा
काम क्रोध लोभ मोह मन से हे नाथ मेरे हरो
दीनानाथ दया करो भव हरो आवो न देरी करो
दीजो कृष्ण अनन्य भक्ति अपनी माँगू यही दान मै
श्री दत्तात्रेय कामना सफल हो पाऊँ न त्रिताप मैं
श्री चक्रेश्वर नाथ मोक्ष पद दो संसार बाधा हरो
दीनानाथ दया करो भव हरो आवो न देरी करो ॥ ॥