स्वामी जय श्री चक्रपाणि
जय श्री चक्रपाणि, स्वामी जय श्री चक्रपाणि
द्वारावती में क्रीड़ा, जय विद्यादानी, स्वामी जय श्री....
जनकदेव के बालक, जानकी-सुत प्यारे।
फलटन धर अवतार, जग के दुःख टारे ।
मात-पिता और बन्धु हे, जग के पालक ।
ज्ञान प्रकाश दिखावो, हम भूले वालक।
हे प्रभु दीना बन्धु, करूणा कृपा करो ।
दुःखनाशक सुखदायक, जग के पाप हरी ।
नारी नर सेवक जन, आये सव द्वारे।
प्रेमी साधु मिलकर, घृत दीपक वारे।
जय श्री चक्रपाणि, स्वामी जय श्री चक्रपाणि
द्वारावती में क्रीड़ा, जय विद्यादानी, स्वामी जय श्र